जनसंख्या वृद्धि अभिशाप या वरदान
भारत में जनसंख्या नियंत्रण एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा रहा है। पिछले कई वर्षो से देश मे एक बड़ा वर्ग जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग कर रहा है। इन दिनों जनसंख्या नियंत्रण कानून चर्चा का विषय बना हुआ है। किसी भी देश के लिए जनसंख्या विस्फोट एक गंभीर समस्या है। जनसंख्या विस्फोट के कारण संसाधनों में कमी आने लगती है, इसलिए इसमें स्थिरता लाना जरुरी होता है। संसाधन को देश के विकास में बहुत ही महत्वपूर्ण घटक माना जाता है। भारत में विकास की गति की अपेक्षा जनसंख्या वृद्धि दर अधिक है। जब किसी भाग में विकास कम हो और जनसंख्या अधिक हो तो ऐसे स्थान से लोग रोजगार तथा आजीविका की तलाश में अन्य स्थानों पर प्रवास करते हैं लेकिन संसाधनों की सीमितता तथा जनसंख्या की अधिकता तनाव उत्पनन करती है, विभिन्न क्षेत्रों में उपजा क्षेत्रवाद कहीं न कही संसाधनों के लिए संघर्ष से जुड़ा है। अत्यधिक जनसंख्या अस्पतालों, खाद्यान्नों, घरों या रोज़गार जैसे संसाधनों की कमी पैदा कर रहा है।